तूने जिन्दगी के बीच सफर में, धोखा दे हीं दी मुझे। तो क्या हुआ ऐ मेरे बेवफा सनम? मेरा प्यार, कल भी सार्थक था, आज भी सार्थक है। बस थोड़ा सा फर्क हो गया, कल और आज में। कल मुझे, प्यार था तुमसे, आज घृणा हो गया है तुझसे। कल मेरी थी तुम, आज किसी और की, हो गयी हो तुम। हाँ! बस इतना हीं फर्क हो गया है, कल और आज में।
Writting is my hobby. So, when some feelings, reallity and truth of life comes out from my heart to tongue then I write in my poor language and a shape like Poem, Poetry & Quote. Please! Read my writting and tell me about my writting. 🙏🙏🙏Thanks 🙏🙏🙏
Comments
Post a Comment