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Poetry~बस थोड़ा सा फर्क हो गया, कल और आज में।

तूने जिन्दगी के बीच सफर में,

धोखा दे हीं दी मुझे। 

तो क्या हुआ ऐ मेरे बेवफा सनम?

मेरा प्यार, कल भी सार्थक था,

आज भी सार्थक है। 

बस थोड़ा सा फर्क हो गया,

कल और आज में। 

कल मुझे, प्यार था तुमसे,

आज घृणा हो गया है तुझसे। 

कल मेरी थी तुम,

आज किसी और की,

हो गयी हो तुम। 

हाँ! बस इतना हीं फर्क हो गया है,

कल और आज में। 

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