हर इंसान जीना चाहते हैं, बड़े शान-ओ-शौकत से। फिर भी लालच और हवस में पड़कर, खो देते हैं शान-ओ-शौकत भी, बड़ी हीन से। हर इंसान रहना चाहते हैं, बड़े इज्जत-व-आराम से। फिर भी दौलत के खातिर, खो देते हैं इज्जत-व-आराम भी, बड़े आसान से। हर इंसान बनना चाहते हैं धनवान, बड़ी रकम-व-दौलत से। फिर भी अपनी खुशियाँ और सेहत के खातिर, खो देते हैं रकम-व-दौलत भी, बड़े आराम से। हर इंसान ढूँढना चाहते हैं, जीवन में खुशियाँ और शान्ति, दुनियाँ के भीड़ में, बड़ी उत्सुकता से। फिर भी दुनियाँ के इस भीड़ में, एक दिन हो जाते हैं अकेला, बड़े तन्हाई से। हर इंसान पाना चाहते हैं अपनी मंजिल, बड़े शान्ति और अरमान से। फिर भी राहों पर भटकते रहते हैं, बड़ी बेचैनी से। बस हर इंसान फँसते जाते हैं, जिन्दगी के हर चाल में, बड़े शौक-व-अरमान से। कमबख्त किसी को समझ आता नहीं, सबकी मंजिल तो मौत है। जिन्हें सब ढूँढते रहे वर्षों, बड़े शौक और अरमान से।
Writting is my hobby. So, when some feelings, reallity and truth of life comes out from my heart to tongue then I write in my poor language and a shape like Poem, Poetry & Quote. Please! Read my writting and tell me about my writting. 🙏🙏🙏Thanks 🙏🙏🙏
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